5 Simple Statements About shiv chalisa lyricsl Explained
5 Simple Statements About shiv chalisa lyricsl Explained
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तुरत षडानन आप पठायउ। लवनिमेष महँ मारि गिरायउ॥
मैना मातु की ह्वै दुलारी। बाम अंग सोहत छवि न्यारी॥
स्वामी एक है आस तुम्हारी। आय हरहु मम संकट भारी॥
ईश्वर ने मेरे भाग्य में क्या लिखा है - प्रेरक कहानी
श्री गणेश गिरिजा सुवन, मंगल मूल सुजान।
सांचों थारो नाम हैं सांचों दरबार हैं - भजन
जय जय जय अनंत अविनाशी। करत कृपा सब के घटवासी॥
अर्थ: हे प्रभू आपके समान दानी और कोई नहीं है, सेवक आपकी सदा से प्रार्थना करते आए हैं। हे प्रभु आपका भेद सिर्फ आप ही जानते हैं, क्योंकि आप अनादि काल से विद्यमान हैं, आपके बारे में वर्णन नहीं किया जा सकता है, आप अकथ हैं। आपकी महिमा का गान करने में तो वेद भी समर्थ नहीं हैं।
देवन जबहीं जाय more info पुकारा। तब ही दुख प्रभु आप निवारा॥
जन्म जन्म के पाप नसावे। अन्तवास शिवपुर में पावे॥
अस्तुति चालीसा शिवहि, पूर्ण कीन कल्याण॥
ब्रह्म – कुल – वल्लभं, सुलभ मति दुर्लभं, विकट – वेषं, विभुं, वेदपारं ।
लै त्रिशूल शत्रुन को मारो। संकट ते मोहि आन उबारो॥
शिव चालीसा का पाठ करने से आपके कार्य पूरे होते है और मनोवांछित वर प्राप्त होता हैं।